19 June 2019
गुजरात का बहु
चर्चित ओबीसी के नेता अल्पेश ठाकोर ने कोंग्रेस को छोड़ दिया है ! और उन्होंने कहा
है की में ठाकोर समुदाय के हित में लड़ाई लड़ता रहूँगा ! अल्पेश ठाकोर राधनपुर के एमएलअ
है और उनके साथ दो और नेता ओने इस्तीफा दे दिया है !अल्पेश ठाकोर चुनाव के पहले
कोंग्रेस पार्टी में सामिल हुए थे
कोंग्रेस पार्टी को क्यों छोड़ा ?
मिडिया रिपोर्ट
के अनुसार अल्पेश ठाकोर पाटन सिट से अपनी दावेदारी पेश करना चाहते थे .लेकिन
पार्टी ने उन्हें टिकिट नहीं दी और टिकिट जगदीश ठाकोर को देदी .साबरकांठा लोकसभा
सिट में ठाकोर सेना के सदस्य को टिकिट नहीं दी उसीकी वजह से कोंग्रेस पार्टी को
छोड़ा था ! कोंग्रेस ने अल्पेश ठाकोर को ओल इण्डिया कोंग्रेस कमिटी का सचिव बनाया
था और बिहार का सहप्रभारी भी बनाया था !
भाजपा में जाने
की है तैयारी
भाजपा ने कहा
है की हम अल्पेश ठाकोर को केबिनेट मंत्री का पद देंगे और प्रदीपशिह जडेजा को राज्य
क्र गृह्प्रधन बनायेंगे ! उस से इ तो साबित हो जाता है की इ पहले से ही सब तैय था
. सरकार को पता है की अल्पेश ठाकोर का नाम गुजरात के ठाकोर समुदाय में बहोत बड़ा है
इस लिए उन्होंने सोच समज कर इ निर्णय लिया होगा ! हलाकि अल्पेश ठाकोर को भाजपा
जाने से भाजपा को बहुत ही फायदा होने वाला है क्योकि गुजरात में सबसे बड़ा समुदाय
ठाकोरो का है
कोन है अल्पेश
ठाकोर ?
अल्पेश ठाकोर को
गुजरात में दारुबंदी के कायदा को सख्ती से लगाने की लड़ाई के लिए जाना जाता है
!उन्होंने पुरे ठाकोर समुदाय को एक करने का संगठित करने का आंदोलन किया .अल्पेश
ठाकोर ने ठाकोर समुदाय को एक किया उसके साथ दारुबंदी और व्यसन मुक्ति का अभियान चलाया उसके बाद
जनता रेड टीम बनायी और गेर क़ानूनी शराब बनाने वालो के यहाँ छापेमारी शुरु कर दी.
गुजरात में २४ फीसदी ठाकोर समुदाय है ! अल्पेश ठाकोर हमेश अपने समुदाय की हक़ बात
करते है वो अहमदाबाद के एंडला गाँव में रहते है जो हार्दिक पटेल के गाँव बगल में
है .! अल्पेश ठाकोर समाज सेवा के साथ साथ
खेती और रियल एस्टेट का कारोबार करते है .२३ ओक्टूबर को उन्होंने राहुल गाँधी की मोजुदगी में कोंग्रेस का दामन थाम लिया .ये
उनकी घर वापसी थी क्यु की उस से पहले २००९ से २०१२ तक वो कोंग्रेस में जुड़े हुए थे
!
अल्पेश ठाकोर
के परिवार का भी कोंग्रेस से पुराना नाता है
अल्पेश ठाकोर
के पिता खोड़ाजी ठाकोर कोंग्रेस से अहमदाबाद के ग्रामीण जिलाधिकारी रह चुके है .उस
से पहेले खोडाजी ठाकोर शंकरशिह वाघेला के साथ भाजपा में सामिल थे बाद में शंकरशिह
वाघेला ने पार्टी छोड़ी तो वो भी बाजपा को
छोड़ कर कोंग्रेस में सामिल हो गये थे. हलाकि शंकरशिह वाघेला २०१७ में कोंग्रेस को
छोड़ दिया पर खोड़ाजी ठाकोर नहीं छोड़ा .उनके बेटे अल्पेश ठाकोर २०१२ में जिल्ला
पंचायत चुनाव में मांडल सीट बत्तोर
कोंग्रेस से चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गए थे .पर उसके बाद अल्पेश ठाकोर ने अपना
सियासी कद बड़ा कर दिया और कोंग्रेस और भाजपा ने डोले डालना शुरु कर दिया आखिर कार
वो कोंग्रेस में सामिल हो गए और राधनपुर की सीट विजय भी हुए !
ठाकोर सेना का
किया निर्माण
२०१२ की पंचायत
का चुनाव हार ने के बाद अल्पेश ठाकोर ने कोंग्रेस को छोड़ दिया था गुजरात में ओबीसी
की १४७ जातीयां है .अल्पेश ठाकोर उन सभी जातियों को एकजुथ का बीड़ा उठाया और उसके सामाजिक
आंदोलन की और चले .राज्य मर बिक रहे गेरकानुनी शराब के खिलाफ आवाज उठाई और खुद ही
छापे मारने के लिए ठाकोर सेना का निर्माण किया आज एस संगठन में ६.५ लाख रजिस्टर है
!
एकता मंच का
निर्माण
जनवरी
२०१६ में अल्पेश ठाकोर ने एकतामंच का
निर्माण किया था .उसमे उन्होंने ओबीसी के अलाव एसटी और एससी समुदाय को अपनी साथ
जोड़ा .अल्पेश ठाकोर ने ये मंच पाटीदार आंदोलन के सामने बनाया था . २०१६ में मिडिया के सामने अल्पेश ठाकोर ने कहा
था की पाटीदार आंदोलन से इ सारी जातियां डर गई है की उन्हें दिया जा रहा आरक्षण
में कटोती न हो जाए . अल्पेश ठाकोर ने एकतामंच की रैली में इ भी कह था की में कभी
किसी चुनाव या पार्टी में सामिल नहीं होंगा !
किसानो की
कर्जमाफी के लिया आंदोलन
२०१७ को एस
आंदोलन में किसानो बहोत सारे जुड़ चुके थे .अल्पेश ठाकोर ने किसानो को कहा की आप
अपना दूध शहर तक न पह्चाये उस बात को मानकर पुरे गुजरात राज्य में लोग दूधको सड़क पर
फेक रहे थे फिर भी सरकार न मानी तो आखिर
में अन्नत्याग पर आ गए थे !
अल्पेश ठाकोर राजनीती
में केसे आये खुद उनकी जुबानी
गुजरात ठाकोर सेना और
एकता मंच बनाने वाले अल्पेश ठाकोर की
राजनीत में एंट्री केसे हुई उसका जवाब देते हुए “ मेरे सलाहकार ने मुझे बताया की मुझे राजनीती में आना चाहिए
फिर हमने डोर टू डोर सर्वे करवाया इसके नतीजे हमारे पक्ष में थे २५ लाख लोगो ने
मुझे बताया की आपको राजनीती में आना चाहिए और कोंग्रेस पार्टी में
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